Wednesday, December 3, 2008

"मेरी आवाज, हमारी आवाज"

बहुत समय से सोच रहा था कि मैं भी कुछ लिखूं। वैसे मुझे लिखने का कोई अभ्यास नहीं है। सिर्फ इतना जरूर है कि मन में कभी-कभी कुछ सवाल उठते हैं। जैसे की सभी लोगों के मन में उठते हैं। पर वे अपने विचारों को व्यक्त नहीं कर पाते। क्योंकि आज की भागती हुई जिंदगी में समय ही किसके पास है कि वो सोचे उस पर विचार करे। कि देश और समाज में जो हो रहा है यह सही हो रहा है या गलत। और फिर अपने विचारों को दूसरे लोगों के सामने व्यक्त करे। और किससे जवाब मांगे। ऐसे ही सैकड़ों सवाल लेकर एक आम आदमी रोज सुबह उठता है। दिनभर गधे की तरह मेहनत करने के बाद रात को उन्हीं सवालों के साथ सो जाता है। बस इसी तरह उसकी जिन्दगी चल रही है। उसके अंदर क्रोध-गुस्सा बहुत है पर वो बाहर नहीं आ पाता क्योंकि उसके ऊपर इतनी सारी जिम्मेदारियां जो हैं। और उसके अलावा देश में सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती हुई महंगाई, कालाबजारी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद और हमारे राजनेताओं की गन्दी राजनीति जो कि इस देश को बेचने तक के लिए तैयार बैठे हैं सिर्फ एक कुर्सी के लिए। उन्हें आम जनता के दुखों से कोई लेना देना नहीं है। रोज यही खबर टीवी और अखबारों में पढ़ता हूं कि आज वहां बम विस्फोट हो गया और उसमें इतने लोग मारे गए। लेकिन हमारे इन राजनेताओं पर कोई फर्क नहीं पड़ता और हमेशा इनका एक ही रटा-रटाया डायलोग होता है कि हमने उनको हरा दिया। हम उनके मंसूबे कभी कामयाब नहीं होने देंगे। अरे भाई उनके मंसूबे तो पूरे हो गए उनका उद्देश्य था बम विस्फोट करके निर्दोष लोगों को मारना और उन्होंने वो पूरा कर दिया। भला तुमने उनका कौन सा मंसूबा पूरा नहीं होने दिया। अब आम जनता भी इस बात को भलीभांति जानने लगी है। और मुझे पूर्ण विश्वास है कि एक दिन ऐसा अवश्य आएगा जब एक आम भारतीय सड़क पर उतर कर इन देशद्रोहियों को जूते मारेगा और हमारी आवाज को इन राजनेताओं को सुनना पड़ेगा। और हमारी आवाज से इस देश में परिर्वतन अवश्य होगा।

9 comments:

संजीव कुमार सिन्‍हा said...

भाई विकास, तुमने आज मुझे अचंभित कर दिया है। बहुत ही सहज तरीके से तुमने अपने विचारों को अभिव्‍यक्‍त कर दिया हैं। बातचीत में तो तुमसे मार्के की बात सुनी हैं लेकिन तुम्‍हारी लेखनी का कमाल पहली बार देख रहा हूं। आज जरूरत इसी बात की है कि आम भारतीयों की आवाज में अपनी आवाज मिलायी जाए।

ब्‍लॉगजगत में तुम्‍हारा हार्दिक अभिनंदन। आशा है मेरी आवाज से ब्‍लॉगजगत और निखरेगा। अंत में अशेष शुभकामनाओं के साथ-

Vikash Anand said...

आपके लेखो को पढ़कर लगा की भारत की युओं में एक गुस्सा है इस नपुंसक सरकार के खिलाफ . आपकी लेखनी ने मेरी आखे खोल दी किस तरह से राजनेता वोट के खातिर देश की सुरक्षा से समजौता कर रहे है

computerman said...

वाह विकास मान गए तुमको, तुम तो साइलेन्‍ट किलर निकले, यहां तो ज्‍यादा कुछ बोलते नहीं हो, और ब्‍लॉग पर इतना कुछ, शाबास, तुम्‍हारे विचार जानकर अच्‍छा लगा, और तुम्‍हारा ब्‍लॉग का विषय तो बहुत ही अच्‍छा है, कोई भी अपने विचार इस पर लिख सकता है, मैंने तो कोई ब्‍लॉग बनाया नहीं तुम्‍हारे ब्‍लॉग पर ही कभी कभी अपनी आवाज रिकार्ड करवा लिया करूंगाा

Unknown said...

सहज और सरल शैली में आपका विचारोतेजक लेख पढ़कर मन गदगद हो गया. निरंतरता बनी रहे इसी कामना के साथ आपको साधुवाद.

प्रवीण त्रिवेदी said...

ब्‍लॉगजगत में तुम्‍हारा हार्दिक अभिनंदन। आशा है मेरी आवाज से ब्‍लॉगजगत और निखरेगा।

प्राइमरी का मास्टर

Unknown said...

Kuch nahi ho sakta hamare desh ka chahe tum kuch bhi likh lo ya kar lo.
hamare desh 1 gandagi me sama gaya hai or ab use waha se nikala mumkin hi nhi namunkin hai.

Insaan paida hota hai or zndgi bhar kamake mar jata hai

hamara desh garib logo ke bare me nhi soachta bas use to desh ki taraki chiye chaye desh me bomb blast ho rahe ho. use koi fark ni padta.......

Shaktistambh said...

विकास बहुत बढ़िया प्रयास है. मुझे तो पता नहीं था कि तुम इतना अच्छा लिख लेते हो. तुम्हारा विचार अच्छा है. जब तुम्हारे जैसे लोग आगे आयेंगे तो और भी अच्छा होगा और अच्छा लगेगा. निरंतर प्रति दिन कुछ न कुछ लिखते रहो. उस से तुम्हारे विचार भी निखरेंगे और उत्साह भी बढेगा. तुम्हारी कामयाबी की कामयाबी की कामना करता हूँ.

दिगम्बर नासवा said...

बहुत अच्छे
ठीक कहा.........पता नही हमारा घड़ा कब भरेगा

संगीता पुरी said...

आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

यह आम भारतीय की आवाज है यानी हमारी आवाज...