Thursday, December 4, 2008

"अभी और कितनी लाशें"

अभी हाल ही में मुम्बई में हुए आतंकवादी हमलें में सैकड़ों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। इस्लामिक आतंकवाद का राक्षस एक बार फिर सैकड़ों लोगों को अपना ग्रास बना गया। एक बार फिर इस आतंकवादी घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। फिर से सभी खबरिया चैनलों पर अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए लाईव तस्वीरे दिखाने की होड़ मच गई। उनका मकसद लोगों को इस्लामिक आतंकवाद और उनके उद्देश्य से अवगत कराना नहीं बल्कि आतंकवादियों द्वारा मारे गए निर्दोष लोगों की लाशों के विभत्स चित्र दिखाकर अपनी लोकप्रियता बढ़ाना था कि देखिए हमारा चैनल सबसे नम्बर वन है जिसने सबसे पहले गोलीबारी की परवाह न करते हुए आप लोगों तक यह तस्वीरे पहुंचाई। मैंने कभी पढ़ा था कि पत्रकारिता राष्ट्र का एक मजबूत स्तम्भ है। परन्तु आज लगता है कि हमारे देश में यह स्तम्भ खोखला हो गया है। विदेशी ताकतों से पैसा ले लेकर यह अपना कर्तव्य भूल गया है। परन्तु ये लोग यह बात भूल जाते हैं कि यदि देश ही नहीं बचा तो कुछ भी नहीं बचेगा। इस्लामिक आतंकवाद का उद्देश्य ही भारत को दारूल इस्लाम बनाना है। और इसके लिए उसकी पूरी योजनाएं चल रही हैं। परन्तु हमारी कांग्रेसनीत यूपीए सरकार को यह सब दिखाई नहीं देता। इनको तो इसकी ज्यादा परवाह है कि यह सरकार कैसे बचाई जाए। और इसके लिए ये इस देश के सारे लोगों की लाशें बिछवानें में भी संकोच नहीं करेंगे। जब से यूपीए सरकार बनी है तब से इतनी सारी आतंकवादी घटनाएं हो चुकी हैं। परन्तु इनसे आतंकवाद के खिलाफ एक कानून भी नहीं बनाया गया। अपितु पहले से जो कानून 'पोटा' था उसको भी निरस्त कर दिया। पता नहीं अभी इनको और कितनी लाशें देखनी है।

आतंकवाद से लड़ने के लिए एक दृढ़ इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। इस्लामिक आतंकवाद का यह दानव तभी परास्त होगा जब पूरा राष्ट्र एकजुट होकर इसका सामना करेगा। क्योंकि हमारी यह सरकार तो निक्कमी, नाकारा और नपुंसक हो चुकी है। इसे तो अपने वोट बैंक के सिवा और कुछ दिखाई और सुनाई नहीं देता। देखिए बदलाव तभी होता है जब आम जनता जागृत होती है। जब तक हम एकजुट नहीं होंगे तब तक ये नेता और राजनेता हमारी बात नहीं सुनेंगे और इसी तरह हमें निर्दोष लोगों की लाशों को गिनना पड़ेगा।

2 comments:

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

कैसे होंगे एकजुट? जव हम जाति, बोली और प्रदेश में बटे हुए हों! पहले हम देशवासी तो बने..

Unknown said...

Main phir se baat kahunga hamare desh ka kuch ni ho saktaaaaaaaaaa

यह आम भारतीय की आवाज है यानी हमारी आवाज...