आपने कभी सोचा की दिल्ली में पानी की इतनी किल्लत क्यों है, कहीं ये सब कुछ किसी षडियंत्र के तहत तो नहीं हो रहा है-
- क्यों आज दिल्ली में पेट से संबंधित रोगों से पीडि़त लोगों की संख्या बढ़ रही है। हर किसी घर में कोई ना कोई व्यक्ति पेट की बीमारी से पीडि़त है।
- कहीं इन बड़ी-बड़ी कम्पनियों के वाटर प्यूरीफायर मार्केट में बिकवाने के लिए तो जानबूझकर गंदा पानी घरों में सप्लाई नहीं किया जा रहा।
- कहीं इन बड़ी-बड़ी दवाईयों की कम्पनियों के दबाव में तो लोगों को गंदा पानी पीने के लिए विवश नहीं किया जा रहा ताकि लोग इस गंदे पानी को पीकर बीमार पड़ें और इन कम्पनियों की दवाईयां बिक सकें।
- कहीं ये सरकार जानबूझकर कर तो सीवर लाईन का पानी जानबूझकर पीने के पानी के साथ मिक्स नहीं करवा रही है। ताकि पानी का जल्द से जल्द व्यवसायिकरण करके दिल्ली जल बोर्ड को किसी प्राईवेट कम्पनी के हाथों बेच सके। क्योंकि याद रहे कि इससे पहले भी यह सब कुछ हो चुका है। दिल्ली विद्युत बोर्ड को प्राईवेट करने से पहले भी इसी प्रकार बिजली की कृत्रम कमी दिखाकर उसे प्राईवेट कम्पनी के हाथों बेक चुकी है। और आज तक हम उसको भुगत रहे हैं।
- तो हमें इस सरकार की नीयत से सावधान रहना चाहिए। क्योंकि देखने में तो यह जनता की सरकार है लेकिन इसका एक भी कार्य जनता की भलाई में नहीं उठा इसने हर जगह जनता को ठगा है।
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