1895 ई. में शिवकर बापू जी तलपदे ने उड़ाया था पहला विमान
महर्षि भरद्वाज द्वारा वर्णित विमानों में से एक 'मरुत्सखा' विमान का निर्माण 1895 ई. में 'बम्बई स्कूल ऑफ आर्ट्स' के अध्यापक शिवकर बापूजी तलपदे, जो एक महान् वैदिक विद्वान् थे, ने अपनी पत्नी (जो स्वयं भी संस्कृत की पण्डिता थीं) की सहायता से विमान का एक मॉडल (नमूना) तैयार किया। फिर प्राचीन ग्रंथों में वर्णित विवरणों के आधार पर एक 'मरुत्सखा' प्रकार के विमान का निर्माण किया। यह विकान एक चालकरहित विमान था। इसकी उड़ान का प्रदर्शन तलपदे जी ने बम्बई (मुम्बई) की चौपाटी पर तत्कालीन बड़ौदा नरेश सर सयाजी राव गायकवाड़ और बम्बई के प्रमुख नागरिक लालाजी नारायण के सामने किया था। विमान 1500 फुट की ऊंचाई के बाद इसका ऊपर उठना बंद हो जाता था। इस विमान को उन्होंने महादेव गोविंद रानडे को भी दिखलाया था। दुर्भाग्यवश इसी बीच तलपदेजी की विदुषी जीवनसंगिनी का देहावसान हो गया। फलत: वे इस दिशा में और आगे न बढ़ सके। 17 सितम्बर, 1917 ई. को उनका स्वर्गवास हो जाने के बाद उस मॉडल विमान तथा सामग्री को उत्तराधिकारियों ने एक ब्रिटिश फर्म 'रैली ब्रदर्स' के हाथ बेच दिया।
'राइट ब्रदर्स' के काफी पहले वायुयान निर्माण कर उसे उड़ाकर दिखा देनेवाले तलपदे महोदय को 'आधुनिक विश्व का प्रथम विमान निर्माता' होने की मान्यता देश के स्वाधीन हो जाने के इतने वर्षों बाद भी नहीं दिलाई जा सकी, यह निश्चय ही अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे भी कहीं अधिक दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि पाठ्य-पुस्तकों में शिवकर बापूजी तलपदे के बजाए 'राइट ब्रदर्स' (राइट बंधुओं) को ही अब भी प्रथम विमान निर्माता होने का श्रेय दिया जा रहा है, जो नितांत असत्य है।
संदर्भ:-
मातृवन्दना (वार्षिक विशेषांक), भारत की समृद्ध वैज्ञानिक परम्परा] f'keyk
5 comments:
आपने तो यह बहुत आश्चर्यजनक बात बतायी। क्या इसका कोई दस्तावेजी साक्ष्य भी है? यानि इस उड़ाने की घटना का कहीं वर्णन है?
achhi jankai di aap ne
IS BARE ME JANKARI TO THI PAR APNE VSTHAR SE BATAYA HAI. MERI JANKARI ME BAPUJI E KHUD HI APNE DASTAVEJ SHARALLY BROS. KO DIYE THE. THANK YOU
Nahin rakesh rally brothers ne unke sath fraud kia unhone samjhauta kia bapuji se fir Vo ye samjhauta Tod ke writes brothers ko de diye fir in chutiyo ne use patent kra lia...
Jee sahi kaha bhai naveen jee ne
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